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हनुमान भक्त महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार

महाराज धीरेन्द्र शास्त्री मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर है और वह अपने चमत्कारों के लिए भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत प्रचलित हैं. 

श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी की कुण्डली में गुरु धर्म की धनु राशि में स्वगृही हैं, शुक्र धर्म के प्रतीक वृष राशि में स्वगृही हैं, यह दोनो बातें उनके व्यक्तित्व का प्रभाव बता देती हैं. चूँकि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म ही विरोधी सम्वत्सर में हुआ है, इसलिए कर्मक्षेत्र में वह सिंह के समान हैं. धर्म में बुद्धि रखने वाले और लोक में पूजित हैं. 

भारत में अधिकांश सिद्ध सन्तों ने हनुमान जी की तपस्या की. हनुमान जी के भक्तों में अनेक सामान्य मानव के कष्ट हरने वाले साधु महात्मा हुए. उनकी गिनती में ही धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का भी नाम आता है. श्री हनुमान जी का आश्रय लेकर उनके जैसे ही चंचल, निश्छल, सदा प्रसन्न रहने वाले व सबको प्रसन्न करने वाले रामकाज के सम्पादक श्री बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री लोगों के दुख दर्द में सहारा बन रहे हैं. वह धर्म की अलख जगा रहे हैं.

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक ऐसा नाम है जिनकी भागवत कथा, श्री राम कथा, हनुमंत कथा आदि न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में विख्यात है. 

धीरेन्द्र शास्त्री अचानक सन 2022 में चर्चा आ गए, जब वह बेबस, लाचार लोगों की समस्या का हाल उनके बिना कुछ कहे ही जान कर पहले ही लिखते हुए दिखाए गए. इसके बाद उनकी लोकप्रियता अचानक से बहुत तीव्र गति से बढ़ गयी और वह देश-दुनिया में उनके विख्यात हो गए. श्री बागेश्वर धाम के प्रति श्रद्धा का भाव रखने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है.
 
श्री धीरेन्द्र शास्त्री के भक्तों में हर उम्र के लोग देखने को मिलते है. श्री बागेश्वर धाम में अपने नाम की अर्जी लगाने के बाद श्रद्धालु की हर समस्या को उसका चेहरा देखकर धीरेंद्र शास्त्री अपने आप बता देते हैं. परेशान मन का हाल जैसे ही अन्य लोगों के सामने आता है, वे भी भावुक हो जाते हैं, उनकी संवेदनाएं भी बागेश्वर धाम सरकार से जुडऩे लगती हैं. फिर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अन्य लोगो की परेशानियों का हल भी बताते हैं. 

बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश में स्थित छतरपूर जिले के गड़ागंज गांव में हुआ था. उनका बचपन भयंकर आर्थिक तंगी में व्यतीत हुआ, एक समय पर उन्हें खाना भी ठीक तरह से नहीं मिल पाता था. पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पिता का नाम श्री रामकृपाल गर्ग और माता सरोज गर्ग हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विषय में कहा जाता है कि उन्होंने महज 11 साल की आयु में ही बागेश्वर धाम की पूजा अर्चना करना प्रारम्भ कर दिया था.

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक गढ़ा नामक जगह है यहीं पर बागेश्वर धाम मंदिर स्थित हैं. बागेश्वर धाम में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को बाबा का दरबार लगता है जिसमें बड़ी भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यही पर श्री बालाजी हनुमान का एक सैकड़ों साल पुराना मंदिर है. इस दरबार में बागेश्वर धाम महाराज लोगों के अंतर्मन की बात जानने और उनकी समस्याओं का निदान करते हैं.  

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के ही गढ़ा गांव में हुआ था. वह सामान्य गरीब परिवार से आते हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है.

इस हनुमान मंदिर में सन 1987 में एक संत आये जिनका नाम संत सेतु लाल था, जिनको लोग भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जानते थे. ये संत चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से दीक्षित थे. यहां से दीक्षा प्राप्त करने के बाद में ही वह गड़ागंज पहुंचे थे. बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन्ही संत भगवान दास के पौत्र हैं.

बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने वर्ष 2012 से श्रद्धालुओं की परेशानियों का निवारण करना शुरू शुरू किया था.  

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्टूबर 2024 में भी सुर्ख़ियों में आ गए जब बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां पर हिन्दुओं के साथ हुए अत्याचार को देखते हुए हिंदुस्तान के लिए भी अपनी चिंता वयक्त की. इसी दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमने तय किया है, कि अब भारत में जात पात, ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव को मिटाना है. उन्होंने कहा कि लोगों के सर नेम तो होने चाहिए लेकिन अब सरकार को केवल दो जाति बनानी चाहिए. एक अमीर और दूसरी गरीब, उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार ऐसा करेगी तो भारत का विकास होगा, भारत समृद्ध होगा और गरीबों के साथ अन्याय और अत्याचार नहीं होगा.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शारदीय नवरात्रों 2024 में माता रानी की साधना अपने गांव गढ़ा में बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर में नौ दिनों के मौन व्रत के साथ कर रहे थे जिसके पूरा होने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में अंधविश्वास को रोकना है तो सरकार ही सबकुछ नहीं करेगी. साथ ही भारत को हिन्दुराष्ट्र बनाने की अपनी मांग को दोहराते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा केवल बागेश्वर बाबा हिन्दू राष्ट्र नहीं बना पाएंगे, अब भारत के प्रत्येक युवा भाई-बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा तभी ये देश हिंदूराष्ट्र बनेगा. 

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयानों का देश-दुनिया में काफी असर होता है. अब भारत की गली-गली में केवल बजरंग बली की चलेगी, अगर तुम राम के नहीं तो किसी काम के नहीं कहते हुए लोगो से हिन्दू राष्ट्र की मांग को समर्थन देने की अपील की. 

फरवरी 2025 में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बागेश्वर धाम में एक 251 कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया. इस विवाह समारोह में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पधारे थे. जिन्होंने बागेश्वर धाम में बन रहे एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल का शिलान्यास भी किया.    

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