शुभांशु शुक्ला द ग्रेट एस्ट्रोनॉट ऑफ इंडिया का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था. उनको शुुक्श निकनेम भी दिया गया है और शुभांशु अपने आइडियल पूर्व महान भारतीय अंतरिक्ष यात्री और वैज्ञानिक राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने. उनके आदर्श राकेश शर्मा ने सन 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सोयुज अंतरिक्ष यान में सवार होकर ऑर्बिट में आठ दिनों का प्रवास किया था.
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी स्कूलिंग करने के बाद शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (ए न डी ए) की कठिन परीक्षा पास करके अकादमी ज्वाइन की. फिर 2006 में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने Su-30 MKI, MiG-29, जगुआर और डोर्नियर-228 सहित कई तरह के विमानों पर 2,000 घंटे से ज़्यादा उड़ान भरने का बड़ा अनुभव हासिल किया. शुभांशु शुक्ला ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की डिग्री भी ली है.
सन 2019 में इसरो के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुने गए चार प्रमुख अधिकारियों में से एक शुभांशु शुक्ला भी थे.
रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु में इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में शुभांशु शुक्ला ने व्यापक प्रशिक्षण लिया हुआ है.
सन 2025 की शुरुआत में, जब उन्हें मशहूर प्रोजेक्ट एक्सिओम-4 चालक दल की टीम में चुना गया तो यह न केवल शुभांशु शुक्ला बल्कि भारत के लिए भी गर्व का विषय था. गगनयान के तहत भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों से पहले एक शुभांशु शुक्ला का इस मिशन के लिए चुना जाना एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.