सौरव गांगुली की गिनती भारत के उन कप्तानों में की जाती है, जिनकी बेबाकी और आक्रामक अंदाज स्टीव वा से लेकर ग्रेग चैपल तक को झुकाने में सफल रहा. बंगाल के शाही परिवार में जन्में सौरव को बंगाल टाइगर और प्रिंस आफ कोलकाता जैसे नामों की संज्ञा दी जाती है. अपने रॉयल लाइफ स्टाइल के लिए पहचाने जाने वाले सौरव गांगुली बतौर कप्तान भी अपने रॉयल ऐटिटूड के लिए पहचाने गए. सौरव गांगुली ने कई मुश्किल भरे हालातों के समय टीम इंडिया को बाहर निकाला.
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सौरव गांगुली BCCI के अध्यक्ष भी रह चुके है. सौरव गांगुली की क्रिकट लाइफ के साथ ही उनकी पर्सनल लाइफ में उनकी रॉयलिटी के किस्से भरे है, कुछ ऐसा ही है उनकी लव स्टोरी का किस्सा. सौरव गांगुली और डोना की लव स्टोरी काफी कुछ फिल्मी स्टोरी जैसी है, सौरव गांगुली के प्यार की बात करे तो वह बचपन से ही अपनी पड़ोसन डोना रॉय से बेहद प्यार करते थे. सौरव और डोना बचपन से ही अच्छे दोस्त थे जो समय और समझ के साथ ही एक दूसरे के प्रेमी बन गए. सौरव गांगुली सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ते थे, जबकि डोना लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ती थीं.
डोना को डांसिंग का बहुत शौक था जो कि सौरव गांगुली की फॅमिली को नापसंद था. हालांकि, सौरव खुद डोना के डांसिंग के दिवाने थे और उन्हें डांस करते हुए देखने भी जाया करते थे. तो वहीं डोना भी गांगुली के मैच को देखने के लिए स्टेडियम जाती थीं. हालांकि, दोनों के दादा का परिवार इन सब चीजों को बिल्कुल पसंद नहीं करता था और दोनों की शादी के भी काफी खिलाफ था.
सौरव गांगुली और डोना राय के परिवारों में शुरुआत से ही अच्छे सम्बन्ध थे. हालांकि जैसा सभी पड़ोसियों में अक्सर होता है वो है लड़ाई और यहाँ भी ऐसा ही हुआ जिसके चलते ये दोनों परिवार भी एक दूसरे से लड़ाई कर बैठे थे. सौरव और डोना के परिवारों के बीच अनबन का कारण था दोनों का एक ही बिजनेस में साथ होना. प्रोफेशनल लेवल पर भले ही ये दोनों परिवार एक दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे हो लेकिन दूसरे लेवल पर ये दोनों परिवार आपसी सद्भाव में बने रहे.
पारिवारिक लड़ाइयों के बाद भी सौरव और डोना ने अपना प्यार बनाये रखा, इस दौरान गांगुली और डोना छुपकर एक दूसरे से मिलते रहें. इस समय काल में दोनों ने एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ा एक दूसरे के जीवनसाथी बने. हालांकि इसके लिए इन्हे कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसमें दोनों को दो बार शादी करने जैसा कार्य प्रमुख रहा.
सौरव गांगुली जब इंग्लैंड के क्रिकेट दौरे पर गए तो उन्होंने लॉर्ड्स में खेले गए अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ा. और जब वह इंग्लैंड दौरे से लौटकर आये तो अपने रिश्ते के बारे में अपने दोस्त और बंगाल के लिए ही क्रिकेट खेलने वाले मौली बनर्जी को बताया. जिसके बाद मौली बनर्जी उनको डोना के साथ लेकर शादी के लिए कोर्च पहुंचे। लेकिन यह बात मीडिया में लीक हो गयी और ये लोग घर वापस लौट आये, जिसके बाद मौली बनर्जी ने मैरिज रजिस्ट्रार को अपने घर पर बुलाया और सौरव - डोना की शादी करवाकर अपनी दोस्ती निभाई.
इस शादी के समय गांगुली महज 23 साल के थे जबकि डोना उस समय केवल 20 साल की थी। कुछ दिन बार जब इस शादी का राज परिवार के सामने खुला तो सभी लोग बहुत नाराज हुए, लेकिन दादा यानि सौरव गांगुली की जिद के आगे हमेशा की तरह सबको झुकना पड़ा. जिसके कुछ समय बाद श्रीलंका दौरे से लौटने के बाद सौरव और डोना ने पारिवारिक रीति रिवाज के साथ फिर से शादी की. इस बार शादी बड़े भव्य अंदाज में आयोजित की गई और 21 फरवरी 1997 को दोनों ने परिवार के सामने उनकी सहमति से सात फेरे लिए.