kya hai bhagwan ki maya aur leela ka rahasya

क्या है भगवान की माया और लीला का रहस्य

भगवान श्री कृष्ण से एक बार उनके मित्र भक्त ने पूछा कि हे प्रभु सारी दुनिया भगवान की माया, भगवान की लीला की बात करती है, आखिर इस बात का रहस्य क्या है. तब भगवान श्री कृष्ण कुछ ना बोले केवल मुस्कुराते रहे.

कुछ समय बाद भगवान श्री कृष्ण और वह मित्र गोमती नदी पर स्नान के लिए गए. दोनों ने अपने वस्त्र उतार कर किनारे पर रखे और डुबकी लगाने लगे जैसे ही मित्र ने डुबकी लगाई तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपना हाथ उनकी पीठ पर रख दिया. 

अब तो मित्र ने देखा कि गोमती नदी में बड़ी भयंकर बाढ़ आ गई और वह बाढ़ में बहता दूर किसी राज्य में पहुंच गया. वहां जाकर एक हथिनी ने उसके गले में माला डाल दी, लोगों ने उसे बताया कि अब आप हमारे राजा हैं. क्योंकि यहां का यही नियम है यह हथनी जिसके भी गले में माला डाल दे, वही यह का  राजा बनता है तथा राजकुमारी से उसका विवाह किया जाता है. 

इसके बाद मित्र भक्त का जीवन बडे ही सुख में व्यतीत होने लगा धीरे-धीरे बच्चे हो गए फिर कुछ समय बाद महारानी को एक लंबी बीमारी ने घेर लिया बीमारी बहुत गंभीर थी. दुनिया भर के वैध हकीम डॉक्टर को दिखाया लेकिन महारानी की मृत्यु हो गई. जिससे वह दहाड़े मार मार के रोने लगे तथा विलाप करने लगे. 

जब लोगों ने उनका  विलाप देखा तो कहने लगे कि आप इतना विलाप ना करें आपको भी वही भेज दिया जाएगा जहां महारानी गई है अब तो वह भक्तराज घबरा गए और रोना भूल कर अपने प्राणों की भीख मांगने लगे लेकिन लोगों ने उनकी एक न सुनी और उन्हें  महारानी की चिता पर बांध दिया.

अब तो भक्त मित्र रोने लगे चिल्लाने लगे ,बचाओ बचाओ, भगवान बचाओ, हे श्री कृष्ण बचाओ प्रभु और जैसे ही भगवान का नाम पुकारा तो सब शांत हो गया. ना वहां चिता थी, ना राजा, न राज्य, भक्त मित्र की आंखों से माया का पर्दा हट गया और वह गोमती नदी से डुबकी लगा कर ऊपर आया तो भक्त मित्र ने देखा कि श्रीकृष्ण अपना पीतांबर पहन रहे थे. 

भक्त मित्र ने परेशान नजरों से भगवान श्री कृष्ण की तरफ देखा और बोले कि भगवान यह क्या है. भगवान बोले कि इस जगत में मेरे अलावा जो तुम देखते हो वह सब मेरी माया है. केवल और केवल मैं ही सत्य हूं जब तुम राजमहल के भोग विलास में डूबे थे. तब तुम मुझे भूल गए थे. तब तुम पर मेरी माया सवार थी और जब चिता पर तुम्हें लिटाया गया और तुम रोने लगे चिल्लाने लगे और रो कर जब मुझे पुकारा तो माया का सब पर्दा हट गया और यही मेरी लीला है.
 
भक्त मित्र नतमस्तक हो गए आंखों से प्रेम आंसूओ का जल बहने लगा भगवान ने उसे गले से लगा लिया और शीश पर हाथ फिराया.

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